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Kuldeep Yadav: कमबैक किंग के स्पिन और स्पीड से पाकिस्तान के बाद श्रीलंका भी पस्त

Kuldeep Yadav ने पाकिस्तान पर 228 रनों से मिली अब तक की सबसे बड़ी जीत में पाँच विकेट लेने के बाद सोमवार को ये कहा था. “क्रिकेट छोड़ने के बाद भी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पाँच विकेट की मेरी इस पारी को मैं याद रखूंगा.”

विकेट लेने की सबसे अधिक ज़रूरत पड़ी तो कुलदीप ने ही साझेदारी तोड़ी और मैच में कुल चार विकेट चटकाए.

इस चाइनामैन गेंदबाज़ ने अपनी कलाई के स्पिन से बीते दो दिनों में कोलंबो की पिच पर बल्लेबाज़ों को इतना नचाया कि शेन वॉर्न याद आ गए.

कुलदीप ने घुटने के ऑपरेशन के बाद जब से वापसी की है, वो लगातार विकेटें चटका रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने वनडे में 150वां विकेट लिया.

स्पिन और स्पीड ने बनाया स्टार

2021 में जब कुलदीप चोटिल हो कर टीम से बाहर थे और उन्हें ऑपरेशन कराना पड़ा तब वे सोचे भी नहीं होंगे कि ऐसी ज़ोरदार वापसी होगी.

सोमवार को पाकिस्तान के पांच बल्लेबाज़ों को आउट करने के बाद वे बोले भी, यह रातोरात नहीं हो गया है.

बीते डेढ़ साल से कुलदीप यादव ग़ज़ब की लय में गेंदबाज़ी कर रहे हैं.

वापसी के बाद से कुलदीप की गेंदों में टर्न बढ़ा है तो उनकी रफ़्तार भी अब पहले की तुलना में ख़ूब होती है.

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने जो पाँच विकेटें लीं वो सभी क़रीब 82 से 87 किलोमीटर की रफ़्तार के डाली गई थीं.

उनकी स्पिन करती कुलदीप फ़्लिपर और गुगली गेंदों पर बल्लेबाज़ों को रिएक्शन टाइम बहुत कम मिलता है.

Kuldeep Yadav

टीम में जगह बनाने की संघर्ष

आज टीम के लिए विकेटें बटोर रहे और प्रमुख स्पिन गेंदबाज़ के तौर पर देखे जा रहे कुलदीप यादव ने वो वक़्त भी देखा है, जब टीम में उनकी जगह पक्की नहीं हुआ करती थी.

हालांकि तब रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को बिठा कर कुलदीप को टीम में शामिल करना संभव नहीं दिख रहा था.

मुंबई इंडियंस से आईपीएल करियर शुरू करने वाले कुलदीप ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने मुंबई इंडियंस में रहते हुए सीनियर गेंदबाज़ों से बहुत सीखा है.

लेकिन उसी कुलदीप के करियर में एक ऐसा भी दौर आया जब वनडे में दो बार हैट्रिक ले चुके इस गेंदबाज़ को न तो भारतीय टीम में जगह मिल रही थी और न ही आईपीएल में खेलने का मौक़ा.

उसी दौरान आकाश चोपड़ा को एक इंटरव्यू में केकेआर की टीम में नहीं मिल रहे मौक़े को लेकर भी बात की थी.

उन्होंने प्लेइंग इलेवन में नहीं चुने जाने को लेकर टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाए थे.

तब 2021 का आईपीएल चल रहा था. कुलदीप यादव घुटने की चोट की वजह से आईपीएल के बीच में ही टीम से बाहर आ गए थे.

कुलदीप भारतीय टीम में भी अंदर बाहर करते रहे हैं.

2017 में भारतीय टीम के लिए टेस्ट में चार विकेट लेने केसाथ डेब्यू करने और ऑस्ट्रेलियाई धरती पर पाँच विकेट लेने का कारनामा करने के बावजूद कुलदीप अब तक केवल आठ टेस्ट ही खेले हैं. इस दौरान भारतीय टीम ने 60 टेस्ट खेले हैं.

वैसे इसके लिए कुछ हद तक वे ख़ुद भी ज़िम्मेदार हैं क्योंकि कई बार उन्होंने गेंद से बहुत औसत प्रदर्शन किया है. उनकी गेंद की तेज़ी भी कुंद दिखी.

तेज़ गेंदबाज़ी करने की चाहत

कुलदीप शुरुआती क्रिकेट अपने चाचा से सीखे. कुलदीप के पिता चाहते थे कि वो क्रिकेट खेलें. इसलिए उन्होंने कुलदीप को अपने भाई के पास कानपुर रहने भेजा.

कुलदीप के जीवन में जिन दो चीज़ों का प्रभाव सबसे अधिक है, उनमें से एक हैं उनके वो कोच जिन्होंने उन्हें तेज़ गेंदबाज़ी छोड़ कर स्पिन गेंदे डालने को कहा तो दूसरे हैं शेनवार्न.

फिरकी से कमाल करने वाले कुलदीप यादव तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहते थे.उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी तेज़ गेंदबाज़ी अच्छी थी. लेकिन कोच ने स्पिन गेंदबाज़ी करने को कहा.

कुलदीप ने कहा, “मुझे पहले बहुत ग़ुस्सा आया, मुझे स्पिन गेंदबाज़ी पसंद नहीं थी.”

कुलदीप 10 दिनों तक खेलने पर नहीं गए क्योंकि वे तेज़ गेंदबाज़ी ही करना चाहते थे. लेकिन कोच ने कहा कि अगर क्रिकेट खेलनी है और ग्राउंड पर आना है तो स्पिन गेंदबाज़ी ही करनी होगी.

दस दिन बाद जब कुलदीप अकेडमी वापस गए तो उन्हें स्पिन गेंद डालने को कहा गया. कुलदीप कहते हैं, “तब मैंने न जाने कैसे लेफ़्ट आर्म चाइनाबॉल गेंद डाली. मेरे हाथ से वही बॉल निकली. तब मुझे नहीं पता था कि चाइनामैन होता क्या है?”

फिर कोच ने कुलदीप की स्पिन गेंदबाज़ी पर काम करना शुरू किया और इस तरह वे आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

कुलदीप की गेंदबाज़ी में शेनवॉर्न का प्रभावशेनवॉर्न के बारे में कुलदीप ने ख़ुद बताया था कि 2017 में पुणे टेस्ट से पहले वो इस स्पिन के जादूगर से मिले थे.

कुलदीप ने ऑनलाइन शो लाइव कनेक्ट में बताया था कि तब अनिल कुंबले टीम के कोच थे और उन्होंने उनसे शेन वॉर्न से मिलवाने की ज़िद की थी.

कुलदीप बोले, “जब पहली बार मैं उनसे मिला तो 10 मिनट तक कुछ भी बोला ही नहीं. वो अनिस सर से बात कर रहे थे. कुछ समझा रहे थे. फिर मैंने अपने एक्शन पर बात की. मैंने अपने प्लान के बारे में बात की. तो वे बोले कि बहुत ज़्यादा सोचते हो.”

कुलदीप ने बताया कि वो शेनवॉर्न से बहुत बार मिले. काफ़ी बातें किए और जब भी कुछ पूछना होता था तो उनसे सलाह लिया करते थे.

गेंदबाज़ी में क्या बदलाव लाए?

2021 में जब कुलदीप के घुटने की सर्जरी हुई और फिर वो लंबी फ़िज़ियोथेरेपी प्रक्रिया से होते हुए प्रैक्टिस करना शुरू किए और इतनी कड़ी मेहनत किए कि न केवल भारतीयटीम में वे चमके बल्कि आईपीएल में भी विकेट चटका रहे हैं.

आईपीएल में उन्होंने दिल्ली कैपिटल की टीम में वापसी की. बतौर कप्तान ऋषभ पंत ने कुलदीप पर बहुत भरोसा जताया और उसका नतीजा यह निकला कि उन्होंने पहले ही मैच से ही कमाल दिखाना शुरू कर दिया.

रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस को हराने में कुलदीप ने अपने चार ओवरों में केवल 18 रन देकर रोहित और पोलार्ड समेत तीन बल्लेबाज़ों को आउट किया.

आईपीएल 2022 में कुलदीप ने 21 विकेटें लीं और तब से लगातार उनकी गेंदबाज़ी में निखार देखने को मिल रहा है.

सोमवार को पाकिस्तान के साथ मैच के दौरान पूर्व कप्तान और कोच रवि शास्त्री ने भी कहा कि उनकी गेंदबाज़ी में बहुत सुधार आया है.

शास्त्री बोले, “गेंदबाज़ी के दौरान उनका आगे का हाथ (दायां) पहले से अधिक सीधा हो गया है, जिसकी वजह से वो गेंद कान के बहुत पास से ले जा रहे हैं और पहले कीतुलना में स्टंप्स के पास से गेंदबाज़ी कर रहे हैं.”

दूसरा सबसे तेज़ 150 विकेट

इस साल अब तक कुलदीप 15 वनडे में 31 विकेट ले चुके हैं. यह गेंदबाज़ी औसत और इकोनॉमी से लिहाज से उनके करियर का सबसे बेहतरीन साल भी है.

अब वे वनडे में 150 विकेट लेने वाले भारत के 15 गेंदबाज़ों में भी शुमार हो गए हैं.

भारत के केवल तीन गेंदबाज़ों के नाम 100 से कम मैचों में 150 विकेट लेने का रिकॉर्ड है.

कुलदीप उनमें से एक हैं. उन्होंने अपने 88वें मैच में यह मुकाम हासिल किया. वहीं मोहम्मद शमी ने 80 मैच तो अजित अगरकर ने 97वें मैच में 150 विकेट हासिल किए थे.

तुरुप के इक्का

कुलदीप के साथ ही बुमराह भी इंजरी से लौटे हैं और वे भीलय में दिख रहे हैं.

पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने भारतीय टीम के ख़िलाफ़ मैच के बाद बुमराह के बारे में कहा भी कि उन्होंने गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करा रहे थे और उन्हें खेलना मुश्किल हो रहा था.

पूर्व गेंदबाज़ इरफ़ान पठान कहते हैं कि अगर कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह ने वर्ल्ड कप तक अपनी फ़ॉर्म बरकरार रखी तो ये दोनों नई और पुरानी गेंद से भारत के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे.

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